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उत्तराखंड के प्रसिद्ध प्रचादारी धन सिंह रथी देवता मंदिर की सच्ची घटना !

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध प्रचादारी धन सिंह रथी देवता मंदिर की सच्ची घटना ~:




बात लगभग 1983 की है। चम्बा धरासू मोटर मार्ग निर्माण के अन्तर्गत कलेथ गांव के पास रोड़ निर्माण का काम चल रहा था , इस काम का ठेका पूरानी टिहरी में प्रसिद्ध टूरिस्ट होटल के मालिक श्री दयाल सिहं जी का था । उन्होंने भी यह काम आगे ठेके पर नेपालियों को दे रखा था। नेपाली लोगों की औरते भी साथ में काम करती थी।
जब उन्हें मालुम हुआ कि यहां पर प्रसिद्ध प्रचादारी धन सिंह रथी देवता का मंदिर है एक दिन नेपाली लोग मंदिर में आऐ । क्योंकि उनकी संस्कृति हमारे यहां से काफी मिलती जुलती है । बाकिणी (मैहेन्द्री देवी) व श्री नुरूचू (बाकी) पर धन सिहं रथी देवता नौरा (बाक) बोलता था। उन्होनें भी देवता की शक्ति जानने के लिए थाल में अपना नौरा यानि कि कुछ चावल तथा सवा एक रुपया डाले । उस समय मंदिर में नुरूचू (बाकी) नौरा बोल रहा था। पहले तो देवता उन नेपालियों पर हंसा, कि तुम मेरी परीक्षा लेने आऐ हो । य़ह सुन कर सभी नेपाली लोग हैरान हो गए, कि वास्तव में वे लोग इसी उद्देश्य से ही आऐ थे। आगे देवता ने कह तेरी शादी किये सोलह साल हो गए हैं ,पर तेरी कोई संतान नहीं हुई । ये सुन कर सारे नेपाली और भी हैरान हो गये, पहली बार मंदिर में आए हैं जो बात देवता ने बोली वह सही थी ।(नेपाली की शादी किये सोलह साल हो गये है पर औलाद नहीं हुई, नेपाली ने नेपाल में इससे पहले कई देवी देवता की पूजा के साथ डाक्टरों को भी दिखाया था । लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।) फिर देवता ने कहा मैं तुम्हें वचन देता हुँ कि तेरी अगले साल संतान होगी। पर एक वचन देना होगा कि तुझे मेरी मंदिर में जातरा देनी होगी। नेपाली ने तुरन्त वचन दिया कि मेरी संतान होगी देवता महाराज जी मैं तेरी जातरा दूंगा।जातरा का उस समय मतलब कि भेड़ की बलि से होता था अब बलि प्रथा पर समिति द्वार प्रतिबन्ध है।


                                           


कुछ समय बाद काम खत्म होने के बाद के अपने देश नेपाल चले गये। लेकिन पांच साल बाद एक दिन मंदिर में कुछ नेपाली जब जातरा लेकर आये । क्षेत्र के सारे लोग हैरान रह गये तब लोगों को पता चला कि यह जातरा नेपाल से आई है। क्योंकि देवता के दिये वचन अनुसार नेपाली का एक पुत्र हुआ। इसीलिए देवता की जातरा देने सपरिवार नेपाल से आये थे। मंदिर में उन्होंने देवता का मंडाण व पूजापाठ तथा जातरा दी । कहते थे कि हमने नेपाल में भी धन सिंह रथी देवता का मंदिर बनाया क्योकि वे बार-बार नेपाल से मंदिर में नहीं आ सकते थे।
श्री रथी देवता की सच्चे मन से मांगी मनत पूरी होती हैं इसलिए प्रतिदिन बर्ष हजारों की संख्या में भक्तजन श्री देवता के दर्शन करने आते हैं।

Jai ho Dhan Singh Rathi Devta 

Source - Shri Rathi Devta Sewa Samiti - Prithvi Singh Adhikari