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उत्तराखंड में अगले दो दिन में भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना, मौसम विभाग ने 9 जिलों में जारी किया ऑरेंज अलर्ट

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उत्तराखंड में अगले दो दिन में भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना, मौसम विभाग ने 9 जिलों में जारी किया ऑरेंज अलर्ट



उत्तराखंड में आफत की बारिश ने लोगों का चैन छीन लिया है। जगह-जगह से तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं। भूस्खलन की वजह से कई जगह रास्ते बंद हैं। गाड़ियां जाम में फंसी हैं। मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली। प्रदेश के नौ जिलों में 14 और 15 जुलाई को भारी बारिश होगी। इन जिलों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जिलाधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। जिन जिलों में आज और कल भारी बारिश होगी, वो कौन-कौन से हैं, ये भी जान लें। मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, देहरादून, पिथौरागढ़, चमोली, पौड़ी और टिहरी के साथ-साथ हरिद्वार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ये तभी जारी किया जाता है, जब किसी क्षेत्र में भारी बारिश की आशंका होती है। अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और बागेश्वर के लोगों को भी संभलकर रहने की जरूरत है, यहां भी अच्छी बारिश होने की संभावना है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो सकता है। मौसम विभाग ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही रोकने का सुझाव दिया है।





बारिश की वजह से जगह-जगह हादसे हो रहे हैं। जसपुर के रामनगर ग्राम में बारिश की वजह से कच्चे मकान की दीवार गिर गई। हादसे में 65 साल की कैलाशो देवी की मौत हो गई। नैनीताल में भी 80 साल पुराने पांच मंजिला मकान का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया। शुक्र है कि मकान पिछले 15 साल से खाली था।


ओखलकांडा ब्लॉक में बारिश की वजह से 6 घरों की छतें उखड़ गईं, जिससे घरों में रखा सामान भीग गया। धारचूला और मुनस्यारी में 25 मकान खतरे की जद में हैं। लगातार हो रही बारिश से पिथौरागढ़ और बागेश्वर की 12 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। सड़कों पर मलबा जमा है। बोल्डर गिरने से पंग्बाबे के पास कैलाश यात्रा मार्ग भी बंद हो गया है। थल-मुनस्यारी रोड को भारी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। जड़बुंगा-अमल्यानी संपर्क मार्ग और हुनरी-तल्ला खुमती संपर्क मार्ग भी बंद है। बागेश्वर की भी 7 सड़कें बंद हैं। कुमाऊं में तो हालात खराब हैं ही, गढ़वाल में भी हालात बेहतर नहीं हैं यहां भी कई सड़कें बंद है, जिस वजह से गांवों का शहरों से संपर्क टूट गया है। रसद और सब्जियां समेत दूसरा जरूरी सामान गांवों तक नहीं पहुंच रहा। ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद मांगी है।